Class 10 | Hindi Textbook | Aalok Bhag 2 | आलोक भाग २| Lesson 7 : साखी | शब्दार्थ एवं टिप्पणी।

▪️पृष्ठा संख्या (65 - 72)
   
    ✏️ कबीरदास

    • साईं : प्रभु, ईश्वर, स्वामी।

    • तुज्झ : तुझ।

    • पुहुपन : पुष्प, फूल।

    • बास : सुगंध, खुशबू।

    • कस्तूरी : एक प्रकार का हिरन जो ठंडे पर्वतीय
                   भागों में रहता है, इसकी नाभि से
                   कस्तूरी नामक सुगंधित पदार्थ निकलता
                   है - जो दवा के काम में आता है।

    • मिरग : मृग, हिरन।

    • सिष : शिष्य, चेला।

    • खोट : कमी, दोष, त्रुटि।

    • चोट : आघात, प्रहार, मार।

    • पोथी : धर्म - ग्रंथ।

    • कर का : हाथ का।

    • मनका : माला के दाने।

    • मोल करो : मूल्य जान लो।

    • मिलिया : मिला।

    • आपना : अपना।

    • बौरा : पागल।

    • मसान : शमशान।

    • परलय : प्रलय, सृष्टि का नाश।

    • बहुरि : फिर, पुनः।

    • करेगो : करोगे।

    • फिर - फिर : बार बार, पुनः पुनः।

    • अनँत : जिसका अंत न हो, जो समाप्त न हो;
                 अनादि- अनंत परम, ब्रह्म, आराध्य प्रभु।

    • काढ़ै : निकालते हैं, दूर करते हैं।

    • बाहै : चलाते हैं।

    • मुआ : मर गया।

    • मन का फेर : मन के अपवित्र भाव चिंताएँ, सोच
                        आदि।

    • डारि दे : डाल दे, फेंक दे।

    • म्यान : तलवार, कटार आदि रखने का खाना।

    • कोय : कोई भी, एक भी।

    • पैठ : डूबकी लगाकर।

    • घट : घड़ा, शरीर रूपी घड़ा।

    • साखी : साक्षी, ज्ञान संबंधी दोहे।

    • दोहा : हिंदी का एक प्रसिद्ध छंद, जिसके विषम
                (पहले और तीसरे) चरणों में तेरह - तेरह
                और सम (दुसरे और चौथे) चरणों में ग्यारह
                ग्यारह मात्राएँ होती हैं। इस प्रकार प्रत्येक
                दल में चौबीस मात्राएँ होती हैं। अंत में लघु
                होना अनिवार्य है।

    • उपगार : उपकार, भलाई।

    • लोचन : आँख, नयन, नेत्र।

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2 Comments

Unknown said…
Dada mok all question answer lage
Unknown said…
sir plz all lessonr question answer dibo sn