Class 10 | Hindi Textbook | Aalok Bhag 2 | आलोक भाग २| Lesson 1 : नींव की ईंट | शब्दार्थ एवं टिप्पणी।

📖 पाठ संख्या १ : नींव की ईंट (पृष्ठा 1-9)
    ✏️ रामवृक्ष बेनीपुरी

    • सुघड़ : सुडौल, सुंदर आकार वाला।

    • इमारत : बड़ा पक्का मकान।

    • चकमक : चमकीलापन।

    • बरबस : बलपूर्वक।

    • पुख्तापन : मजबूती, दृढ़ता।

    • बेतहाशा : शीघ्रता से, जल्दी ही।

    • मुनहसिर : आश्रित, निर्भर।

    • विलीन : मिटा देना।

    • शोहरत : प्रसिद्धि, यश।

    • ईसा : ईसा मसीह, जिन्होंने ईसाई धर्म का प्रवर्तन
                    प्रचार किया था।

    • दधीचि : एक प्रसिद्ध ऋषि, जिन्होंने अपनी हड्डियां
                    का दान देवराज इंद्र का व्रज बनाने के
                    लिए कर दिया था।

    • अनुप्राणित : प्ररित, प्रोत्साहित।

    • वासना : तीव्र इच्छा, कामना।

    • कंगुरा : महल या भवन का सबसे ऊपरी भाग,
                     शिखर का अंश।

    • नींव : महल, भवन आदि का सबसे नीचे का भाग,
                     बुनियाद।

    • लोक--लोचन : लोगों की आँखें।

    • अस्ति - नास्ति : होना न होना, अस्तित्व।

    • पायदारी : टिकाऊपन।

    • अधंकूप : अंधकार भरा नीचा स्थान।

    • शहादत : बलिदान।

    • कलश : मंदिर आदि का सबसे ऊपरी भाग।

    • आजाद : स्वाधीन, स्वतंत्र।

    • उत्सर्ग : न्योछावर, बलिदान।

    • वृत्रासुर : एक अत्याचारी राक्षस।

    • मूढ़ : मूर्ख, बेवकूफी पूर्ण।

    • अफसोस : दुख।

    • होड़ा - होड़ी : प्रतिस्पर्धा, प्रतियोगिता।

    • अभिभूत : आनन्द - मग्न

    • चुनौती : ललकार।

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